लेकर रहेंगे Bacardi

JNU के वामपंथी छात्र संगठन एक बार फिर गुस्से में हैं इस बार का गुस्सा केंद्र सरकार पर नहीं बल्कि बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार पर है| JNU जहाँ पर देश (से ज्यादा विदेश) के हर मुद्दे पर एक बहस और नारेबाजी होती है वहां पर इस बार हाल ही में नितीश कुमार द्वारा बिहार में लागू शराब पर प्रतिबन्ध को लेकर एक सभा हुई और उस सभा में इस शराबबंदी का विरोध करते हुए SFI, AISF जैसे संगठनों ने बिहार सरकार के खिलाफ जबरदस्त नारे लगाये| पूरे कैंपस में 15 दिनों से एक ही नारा गूंज रहा है –

“माल्या हम शर्मिंदा हैं, व्हिस्की नहीं मिरिंडा है”

 SFI, AISF ने एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर कहा है कि वह बिहार में शराबबंदी का विरोध करते हैं| पार्टी प्रवक्ता ने अपने विरोध की वजहों को विस्तार से समझाते हुए कहा कि नितीश कुमार पिछली टर्म में गुजरात की तरह बिहार में अच्छी सड़कें बनवा चुके हैं और अब ये गुजरात की तरह ही बिहार में शराब पर प्रतिबन्ध लगा चुके हैं| इस सबसे ये सन्देश आता हैं कि जिस गुजरात मॉडल को सारी सेक्युलर ताकतों ने विफल घोषित कर दिया, नितीश कुमार उसी गुजरात मॉडल को फॉलो कर रहे हैं|

बिहार सरकार के इन निर्णयों से भविष्य में होने वाले खतरे को लेकर भी पार्टी प्रवक्ता ने आगाह किया| कामरेड ने कहा कि हालांकि लालू यादव के साथ रहते ये नामुमकिन है फिर भी उन्हें चिंता है कि नितीश कुमार को अभी न रोका गया तो हो सकता है कि अगली कोशिश वह गुजरात की तरह बिहार में इंडस्ट्रीज ले आने की भी करें| इस तरह की हरकतों से बिहार में समृद्धि आ सकती है जोकि कम्युनिज्म के सिद्धांतों के खिलाफ है|

स्टेज पर मौजूद एक JNU छात्रसंघ के एक पदाधिकारी ने इस विरोध के पीछे के सामाजिक कारणों को भी समझाते हुए बताया कि हाल ही जब वह अपने रिसर्च प्रोजेक्ट “3000 रुपये की आमदनी में नेता कैसे बनें?” के लिए डाटा इकठ्ठा करने को बिहार में घूम रहे थे तो उन्होंने पाया कि बिहार का बुर्जुआ वर्ग ज्यादा पैसे देकर ब्लैक में शराब की होम डिलीवरी ले रहा है वही सर्वहारा वर्ग बिना पिए तरस रहा है| सरकार के इस निर्णय से समाज में भेदभाव गहरा रहा है इसलिए JNU छात्रसंघ इस निर्णय का पुरजोर विरोध करता है|

प्रेस कांफ्रेस को ख़त्म करते हुए छात्र नेता बांह ऊपर कर एक बार फिर नारे लगाये – ‘लेकर रहेंगे Bacardi.’

सूत्रों का कहना है कि ABVP के कुछ छात्र नेता भी ‘लेकर रहेंगे Bacardi’ नारे से प्रभावित होकर ‘बार सलाम’ कहने वाले हैं|

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