रावण की प्रेस कांफ्रेस

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सांप्रदायिक ताकतों की साजिश के तहत रावण जी मारे जा चुके है| रावण जी राम के द्वारा किये गए अन्याय के खिलाफ प्रेस कांफ्रेस कर के कुछ सवाल पूछना चाहते थे| अब चूँकि रावण जी का कल दहन हो चुका है, मैं रावण जी की तरफ से श्री राम से चिट्ठी के माध्यम से कुछ सवाल पूछना चाहता हूँ|

 

आपके टीम के श्री हनुमान को लंका सन्देश देने भेजा था पर उन्होंने वहाँ आग लगा दी| क्या आपकी टीम में अंदरूनी तौर पर वैचारिक मतभेद है?

क्या हनुमान के ऊपर अशोक वाटिका उजाड़ने के आरोप में वन विभाग द्वारा मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए?

आपके सहयोगी श्री सुग्रीव पर अपने भाई का राज्य हड़पने का आरोप है| क्या आपने इसकी जांच करवाई?

क्या ये सच है की सुग्रीव की राज्य हड़पने की साजिश के मास्टर माइंड आप है?

आप चौदह साल तक वनवास में रहे| आपको अपने खर्चे चलाने के लिए फंड कहाँ से मिले?

क्या आपने उस फंड का ऑडिट करवाया है?

क्या ये सच नहीं की सीता का अपहरण नहीं हुआ बल्कि वो खुद आपको छोड़ कर चली गयी क्योंकि आप उनके द्वारा किये गए घर के काम के बदले उन्हें हॉउस वाइफ भत्ता नहीं देते थे?

आपने सिर्फ रावण पर हमला क्यों किया, जबकि राक्षस और भी थे? क्या ये लंका की डेमोक्रेसी को अस्थिर करने की साजिश थी?

क्या ये सच नहीं है की रावण को परेशान करने के मकसद से आपने उनके परिवार के निर्दोष लोगो जैसे कुम्भकरण और मेघनाद पर हमला किया?

क्या आपकी टीम के हनुमान द्वारा संजीवनी बूटी की जगह पूरा पहाड उखाड़ लेना सरकारी जमीन के साथ छेड़छाड़ नहीं?

क्या ये सच नहीं कि आपने हमले से पहले समुद्र पर पुल बनाने का ठेका अपने करीबी नल और नील को नहीं दिया?

आपने पुल बनाने के लिए छोटी छोटी गिलहरियों से काम करवाया| क्या इसके लिए आप पर बाल श्रम कानून के तहत मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए?

आपने बिना किसी पद पर रहते हुए युद्ध के समय इन्द्र से सहायता प्राप्त की और उनका रथ लेकर रावण पर हमला किया| क्या आप इन्द्र की टीम ए है?

इस सहायता के बदले में क्या आपने इन्द्र को ये वादा नहीं किया की अयोध्या का राजा बनने के बाद आप उन्हें अयोध्या के आस पास की जमीन दे देंगे?

आप युद्ध में अयोध्या से रथ न मंगवा कर इन्द्र से रथ लिया| क्या ये इन्द्र कि कंपनी को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया?

क्या आपने जामवंत को सहायता के बदले राष्ट्रपति बनाने का वादा नहीं किया?

और मेरा आखिरी सवाल, की आपके रहते भरत को राजा बनाया गया| क्या आपकी नेतृत्व क्षमता पर दशरथ जी को संदेह था?

श्री राम आप द्वारा रावण जी पर लगाया गया अपहरण का आरोप बेबुनियाद था और रावण जी किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार थे| आपने एक साजिश के तहत उन पर हमला किया ताकि लंका की डेमोक्रेसी को चोट पहुंचे और इसमें विदेशी ताकतों ने आपकी मदद की है| उम्मीद है की इस पत्र का आप शीघ्र जवाब देंगे|

P.S. –  मैं इस चिट्ठी का टाइटल “रावण की प्रेस कांफ्रेंस” रखने पर माफ़ी चाहता हूँ| कुछ और रखता तो शायद आप पढते नहीं| वैसे आपकी सूचना के लिए ये भी बता दूँ कि रावण जी अभी मरे नहीं, वो फिर आएंगे|

#satire

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